कुछ ख्वाहिशें बारिश की उन बूंदों की तरह होती है.. जिन्हे पाने के लिए हथेलियां तो भीग जाती है...... लेकिन हाथ हमेशा खाली रह जाते है...! फरक नहीं पड़ता ख्वाहिशें अधूरी रहने पर...!!