चीखते सन्नाटे फैलता अंधेरा ये दम घोंटती यादें है कहां तू चली गई कि तुझे ढूंढू कहां यह पता नहीं पर खुला है दर ये आज भी कि तू लौट आ फिर से यहीं...।। घर की वीरानी हमसे पूछा करती है... #घरकीवीरानी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi