स्त्री और समाज एक दूसरे के पूरक हैं, स्त्री बिना यह समाज ही निराधार हैं। उचित दर्शन जीवन का स्त्री की दृष्टि, उससे ही ईश्वर की कल्पना साकार है। ♥️ स्त्री और समाज ♥️ #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपने मित्रों के साथ कोलाब करें। ♥️ कोलाब करने के बाद "Done" काॅमेंट करें।