रोज-ए-हिज्र तुम्हें देखना था आँख भरकर आँख भर आयी तुम्हें देखते - देखते ©ekrajhu हांथ छुड़ाना जरूरी था छोड़ दिया हमने क्या अब जाना भी जरूरी होगा? #apart