बचपन और मिठाई की चोरी अपनी कलम ना जाने क्यों यह कलम हर बार फिसल जाती है। कभी बचपन तो कभी चुपके से खाई हुई मिठाई की याद दिलाती है। बहुत घसीटती हूँ जीन्दगी को काजग के पन्नों पर पर फिर भी बचपन की खट्टी- मिट्टी यादे ले आती है। ना जाने क्यों यह कलम हर बार फिसल जाती है। कान्ता कुमावत ©kanta kumawat अपनी कलम #MithaiKiChori