~ इंतज़ार था... ~ अब बादलों को बरसने दो, बरसात का इंतजार था। झूलों को पींग भरने दो, सावन का इंतज़ार था। मोहब्बत का रंग चढ़ने दो, नफ़रत से एतराज था। बढ़ने दो कदमों को आगे, मंज़िलों का इंतज़ार था। करने दो दिल को मनमानी, जब सँग विशाल ए यार था। ©#Jitendra777 #जितेन्द्र777 #सावन #इंतज़ार_था #Love