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औकात नहीं थी, जमानें में जो उसकी कीमत लगा सकें....

औकात नहीं थी, जमानें में जो उसकी कीमत लगा सकें.........!
कमबख्त इश्क में कया गिरी, मुफत में बदनाम  हो गई..............

©Rameshkumar Mehra Mehra
  # औंकात नही थी, जमाने में जो उसकी कीमत लगा सकें, कमबख्त  इश्क में कया गिरी, मुफ़्त में बदनाम हो गई.....

# औंकात नही थी, जमाने में जो उसकी कीमत लगा सकें, कमबख्त इश्क में कया गिरी, मुफ़्त में बदनाम हो गई..... #Quotes

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