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जरा सा मुस्कुराती है उदासी गीत गाती है तिरे चेह

जरा सा मुस्कुराती है

उदासी गीत गाती है


तिरे चेहरे की रौनक ही

मिरे दिल को लुभाती है


थका हारा मुसाफिर है

उसे मेहनत सुलाती है


हवा लग जाए ख्वाबों की

कहां फिर नींद आती है


खुला मिलता नहीं है दर

उसे दस्तक बुलाती है


नहीं आसान ये मंजिल

मुहब्बत आजमाती है 


दिवाकर क्या मिला सोचो

अना बस सर खपाती है


دیواکر

©divakar ojha
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