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पर खामोशी सी छाई है शायद मेरा कुछ भी बोलना अब असर

पर खामोशी सी छाई है
शायद मेरा कुछ भी बोलना
अब असर नहीं करता जेहन पर तुम्हारे
हमारे दूरियों की वजह जानते हुए भी
बेपरवाह विचार है मन में तुम्हारे
इसलिए अब खामोश हूं तब तक
जब तक तुम्हें मेरी कद्र नहीं हो जाती
पर कहने को अब भी 
कितनी बातें हैं..

©Kalpana Srivastava
  #कद्र