फुर्सत में बैठे पलों को यूं को याद किया करो फुर्सत में बैठकर अपने गुनाहों को यू याद किया करो कौन अपना है कौन पराया है सब जान जाओगे किसने क्या बोया है पहचान जाओगे गुनाहों को अपनी उंगलियों पर गिन कर देखना इन पैरों की भी उंगलियां कम पड़ जाएगी यह आजमा के देखना #-गुडविन-#