जब जब बरसात हुई याद आती है वो नौका जिसे हाथों से तैयार करते थे कहीं माँ बारिश में भीगते हुए न देखले इस बात से डरते थे वो खुशी मिलती थी जब स्कूल के समय बारिश होती थी स्कूल के जाने का समय निकलने के बाद बहुत शरारत होती थी बारिश के समय की चिप्स और पराठा दिल को बहुत लुभाते थे सारि खुशी पल में मिल जाती थी जब पानी से भरी सड़को पर साइकिल चलाते थे वो पहली बारिश का इन्तेजार बड़े उत्साह से करते थे बारिश के बाद निकलने वाले साँप और मेढकों से बहुत डरते थे आज बारिश के लिए एक लंबा इन्तेजार करना पड़ता है किसान इसके न होने पर, होने वाली तबाही से डरता है क्योंकि बारिश को तो हम मानव ने रोक दिया अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति से खेल किया अभी समय है नियंत्रण करो अपने आप पर बनो प्रकृति प्रेमी भरोसा करो सतत विकास पर बारिश एक खुशी ..... #nojotohindi #barish#bachpan