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जहाँ नाम हो राधा का, वहाँ श्याम रोज आते हैं बरसान

जहाँ नाम हो राधा का, वहाँ श्याम रोज आते हैं 
बरसाने गए राधा के लिए 
       श्याम राधा को चाहते हैं.... 

जहाँ नाम हो कन्हैया का, वहाँ राधा के दर्शन पाते हैं 
राधा भूल गई सारी दुनिया को 
       राधा भी श्याम को चाहती हैं....  

जहाँ नाम हो दोनों का, 
वहीं दोनों हृदय मिल जाते हैं, 
       राधेश्याम चाहते हैं, दोनों नाम संग कहलाते हैं 

ये दो नाम होकर भी, एक हीं हैं 
इनके प्रेम जैसी मधुरता नहीं कहीं,
       इनके साथ सा पावन कोई रिश्ता नहीं

©Divyanshi Triguna "Radhika"
  #NojotoHindi #राधेश्याम