तेज हो जाता है खुशबू का सफर शाम के बाद, शहर में फूल भी खिलता है मगर शाम के बाद, मेरे बारे में कोई कुछ भी कहे सब है मंजूर, मुझको रहती ही नहीं अपनी खबर शाम के बाद। ©Vivek Verma खबर है मुझको.....