तुम आजकल लगते बहुत, हसीन हो , तुम बेहतरीन हो , तुम मेरा दीन हो , तुम शरारती हो , नाज़नीन हो , तुझे क्या नाम दूं , चलो मह ब्बत लिख देता हूं , तुम मेरा विश्वास हो , चलो अकीदत लिख देता हूं , तुम्हें पाना भी ,कुछ मुश्किल है , चलो शिद्दत लिख देता हूं।। तुम सकूं हो , तुम्हें वहदत लिख देता हूं । जोगा फजल ए ख़ुदा ,तुमसे मुलाकात हुई , चलो तुम्हें रहमत लिख देता हूं ।। ZOGA BHAGSARIYA RAJASTHANI KAFIR ZOGA GULAM तुम आजकल लगते बहुत, हसीन हो , तुम बेहतरीन हो , तुम मेरा दीन हो , तुम शरारती हो , नाज़नीन हो , तुझे क्या नाम दूं ,