कि...दबे उन पन्नों के राज़ बयां करती है, ये तन्हाई की ख़ामोशी है... अंधेरों से बात किया करती है, कोई सुने ना सुने हमारा दर्द-ए-फ़साना लेकिन... वो दिल में रहती है , हर बात सुन लिया करती है। ©PUSHKAR MISHRA #darklove indira Praveen Jain "पल्लव"