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गोचर करती ख़्वाहिशें नभ में, प्रत्येक इच्छाओं को ए

 गोचर करती ख़्वाहिशें नभ में,
प्रत्येक इच्छाओं को एक अंक चाहिए..!

उड़ते बादलों में लहर बन के,
हसरतों को पंख चाहिए..!

सूक्ष्म जीवन को स्थूल बना,
समृद्धि का शंख चाहिए..!

विशुद्ध विचार धाराओं में,
प्रसिद्धि का कंक चाहिए..!

जमीं से जुड़े रहें क़दम पर,
कामयाबी का लंक चाहिए..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #happypromiseday #pankh