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पत्थरों को दिल का हाल सुनाने चला हूं, रूठी हुई किस

पत्थरों को दिल का हाल सुनाने चला हूं, रूठी हुई किस्तम को मनाने चला हूं।
नाकाम हसरतों का जनाजा उठाये, मैं उससे वफा निभाने चला हूं।
वो बेवफा न थी मैं बदनसीब था, ये बात जमाने को बताने चला हूं।
सावन की घटाओं तुम कल उमडाना, आज मैं आंसू बहाने चला हूं।
जहां बनाया था मैंने कल आशियाना, आज उस आशियाने को जलाने चला हूं।
मेरी शायरी किसी का दिल न दुखा दे, इसलिए तन्हाई को अपनी बातें सुनाने चला हूं।। #poetry #pain #quotes #nojoto
पत्थरों को दिल का हाल सुनाने चला हूं, रूठी हुई किस्तम को मनाने चला हूं।
नाकाम हसरतों का जनाजा उठाये, मैं उससे वफा निभाने चला हूं।
वो बेवफा न थी मैं बदनसीब था, ये बात जमाने को बताने चला हूं।
सावन की घटाओं तुम कल उमडाना, आज मैं आंसू बहाने चला हूं।
जहां बनाया था मैंने कल आशियाना, आज उस आशियाने को जलाने चला हूं।
मेरी शायरी किसी का दिल न दुखा दे, इसलिए तन्हाई को अपनी बातें सुनाने चला हूं।। #poetry #pain #quotes #nojoto
vivekmaurya2047

Vivek

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