--स्वयंवर-- पढ़ें अनुशीर्षक में थोड़ा समय लेकर पूरा पढ़ियेगा..🙏🙏 तोड़ धनुष जब शिव जी का मन ही मन राम हर्षाये थे भये प्रसन्न सब देव स्वर्ग में नभ से ही पुष्प बरसाये थे प्रत्यंचा जो धनुष की टूटी