स्वरचित-'अवधि' देवी भजन👇 आँगना बुहारि नीमी की कंछिया दुअरा लिहै सजाए..... गउअन गोबरा लीपीके घियुना बतियन खूब डुबाए.... माई मोरी घर कब आइहैं? बनल परसादी पाइहैं? एही जनम दरसन जो पाई धन्न हुई जाई माएँ.. तोहरे चरनन जाउंन पखारैं भव से उ तरि जाएं... माई मोरी घरे कब आइहैं ? बनल परसादी पाइहैं....अर्चना'अनुपमक्रान्ति' ©Archana pandey अवधि देवी भक्ते.. #Navraatra