एक बात , एक याद......... सफर था लंबा और होने लगा था चारों और अंधेरा, पेड़ो की परछाई ने भी कुछ अजीब अजीब सी आकृति बनाई, मन ही मन थी वो घबराई, पर होठों पर चुप्पी थी , मन में अनगिनत बातें अनगिनत सवाल थे, बाहर से बर्फ सी शांत और अंदर ही अंदर समुंदर की लहरें अपने उफान पर थी, दुनियां की रीति रिवाजों से परे, वो खुद की दुनियां में ही खोई थी क्या ही उसके मन में था , इसकी कहा किसको खबर थीं क्योंकि अभी तो वो खुद ही खुद से बेखबर थी पर फिर भी एक नई दिशा की ओर वो बढ़ चली बीती बातों को भुला, कुछ यादों को मन में छुपा आगे चली ........... Part-1 ©Princy khatri #story❤ #untoldstories #holdinghands