फ़िर वही मुश्क़िल है दरम्यां, जो की ही नहीं ख़ता हमने। सज़ा फ़िर भी क़ुबूल कर ली, आँखों में बचा रखी हया मैंने। — % & #shamaurtanhai #37/365 #365days365quotes #saza #khta #haya #darmyan #mushqil