सोचो, जब सज जाता है "शीशा" भी "नारी" के हाथों में "चूड़ी" बनके... तो भले उसके हाथो में "चूड़ी" खनके.. छन-छन करते पायल झुमके.. पर देश की हैं वो प्रचंड "नारी".. वक्त पड़ने पर उठाएंगे "तलवारे" भारी... नमस्कार लेखकों | Collab करें आज इस पर और विभिन्न विषयों पर लिखे। अपने मित्रों को कोलैब के लिए आमंत्रित करे| #rzpartners #rzhindi4collab103 #yqdidi #yqrestzone #collabwithrestzone #YourQuoteAndMine Collaborating with Rest Zone