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उसके लिए लिखते-लिखते, मेरी कलम नही रुकती थी। अब अप

उसके लिए लिखते-लिखते,
मेरी कलम नही रुकती थी।
अब अपनी कलम की, धार मोड़ दी हमने।
अपने दिल की आवाज, मोड़ दी हमने।।


लिखता था पहले, उसके लिए।
अब बस जन की, पीड़ा गाऊंगा।।
जो हो रहा गलत, समाज मे हमारे ।
बस मैं उसको अब बतलाऊंगा #jnkipedagaunga
उसके लिए लिखते-लिखते,
मेरी कलम नही रुकती थी।
अब अपनी कलम की, धार मोड़ दी हमने।
अपने दिल की आवाज, मोड़ दी हमने।।


लिखता था पहले, उसके लिए।
अब बस जन की, पीड़ा गाऊंगा।।
जो हो रहा गलत, समाज मे हमारे ।
बस मैं उसको अब बतलाऊंगा #jnkipedagaunga