जब वो हमारे पास था न कोई उसके साथ था इतने सारे लोगो के भी बीच वो अनाथ था । जाने से पहले उसने सबसे मदद की थी उम्मीद जताई मदद के जगह सभी ने उसको अंगूठा दिखाई। अब जाने के बाद सभी कहे याद आओगे सुशांत भाई। jigar