शराब है, जाम है, मयखाना है। अभी बाकी मगर,तेरा आना है।। साकी भी है,शाम-ओ-सुरूर है। रस्म-ओ-रिवाज हैं , जमाना है।। किसी से क्या कहें, दास्तां हम। गम भी है,उदासी है,फसाना है।। ©"TIGER -THE FEARLESS TIGER" #BadhtiZindagi SæimaNißvnì@077 Irfan Saeed