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#OpenPoetry कवी कितना कुछ लिख लेते हैं हम स्त्रि

#OpenPoetry   कवी कितना कुछ लिख लेते हैं हम स्त्रियों के बारे में.........
कभी चहरे की गोराई,होठों की सुर्खियत,आँखों की गहराई के बारे मे........
क्या बस इतना ही लिखने को है हमारे बारे मे........?
एक देह मात्र की खूबसूरती पर लिखा जा सकता है जितना,वो लिख देते उन सब के बारे में.........

लोग लिखते,सुनते ,पढते है जो उन्हे पसंद हैं सिर्फ उस बारे में........
मगर इससे भी ज्यादा बहुत कुछ हैं लिखने को हमारे बारे मे........
लिखो ना कभी आँखों के जगमागाते सपने,साँवले रंग वाले आत्मविश्वास से लबरेज मुस्कुराहट,एक दाग वाले चहरे मगर बेदाग,श्वेत,निश्छल मन के बारे मे .......
लिखो ना हमारे कुछ करने की ज़िद,ठोकर खा कर फिर उठने की हिम्मत और विफलताओ की डगर से सफलताओ के सफर की हमारी कहानी के बारे में.........

ऐसा कुछ क्यू नहीं लिखा जाता है हमारे बारे मे.......?
क्यू नहीं लिखा जाता हमारे कुशलताओ,क्षमताओ,कलाओ के बारे में.........?
क्या सचमुछ इन सब से ज़रूरी है हम स्त्रियों के रंग-रुप और सुन्दरता के बारे मे.........?
क्यू इंसानों से अलग लिखा जाता है मुझे रुप की देवी की तरह,
मुझे लिखा जाये सिर्फ वैसे ही जैसे लिखा जाता है इंसानों के बारे में...........
हम स्त्रियां सिर्फ वैसे ही नहीं है जैसा लिखते है कवी हमारे बारे मे............ #OpenPoetry #hum_striyon_ke_baare_me
#Chanchal_mann #nojotohindi #shayari
#OpenPoetry   कवी कितना कुछ लिख लेते हैं हम स्त्रियों के बारे में.........
कभी चहरे की गोराई,होठों की सुर्खियत,आँखों की गहराई के बारे मे........
क्या बस इतना ही लिखने को है हमारे बारे मे........?
एक देह मात्र की खूबसूरती पर लिखा जा सकता है जितना,वो लिख देते उन सब के बारे में.........

लोग लिखते,सुनते ,पढते है जो उन्हे पसंद हैं सिर्फ उस बारे में........
मगर इससे भी ज्यादा बहुत कुछ हैं लिखने को हमारे बारे मे........
लिखो ना कभी आँखों के जगमागाते सपने,साँवले रंग वाले आत्मविश्वास से लबरेज मुस्कुराहट,एक दाग वाले चहरे मगर बेदाग,श्वेत,निश्छल मन के बारे मे .......
लिखो ना हमारे कुछ करने की ज़िद,ठोकर खा कर फिर उठने की हिम्मत और विफलताओ की डगर से सफलताओ के सफर की हमारी कहानी के बारे में.........

ऐसा कुछ क्यू नहीं लिखा जाता है हमारे बारे मे.......?
क्यू नहीं लिखा जाता हमारे कुशलताओ,क्षमताओ,कलाओ के बारे में.........?
क्या सचमुछ इन सब से ज़रूरी है हम स्त्रियों के रंग-रुप और सुन्दरता के बारे मे.........?
क्यू इंसानों से अलग लिखा जाता है मुझे रुप की देवी की तरह,
मुझे लिखा जाये सिर्फ वैसे ही जैसे लिखा जाता है इंसानों के बारे में...........
हम स्त्रियां सिर्फ वैसे ही नहीं है जैसा लिखते है कवी हमारे बारे मे............ #OpenPoetry #hum_striyon_ke_baare_me
#Chanchal_mann #nojotohindi #shayari