में तुमसे दूर हूँ कहने वो नायाब नूर हूँ जो तुम्हारे दिल मे चमकता हूँ। तेरे चिराग में रोज खुद जलाता हूँ। तुझे याद करके तेरी बातों से प्यार लेने की कोशिश करता हूँ जिसमें न सुकूँ है न खुशी में आँखों को फिर भारी करता हूँ मेरी उम्मीदों का में खुद सूर हूँ (सूर-अंधा) कहने को वो नायाब हूँ में तुमसे दूर हूँ 😭🍇🍇🍇 ©naresh_sogarwal motu kho n, aap kho n