मधुप गुँजारें,पंछी गावत बधाई प्यारी, अरुन अबीर धरा-आँगन बिछाई है। कामिनी उषा नें करिबे कूँ अगवानी नव, लतन झुकाय मनुहार करवाई है।। दूलह रवि कूँ देखि हरष विभोर होय, कमल कलीहू खिलि खिलि मुसुकाई है। लागत है प्राची ते उजास शोभा सरसानी, रवि रशमीन की बरात चलि आई है।। ✍परेशान✍ ©Jitendra Singh #sunrays #sunrays_life #sunraysvichar #sun