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मैं धूप तो तुम छाओ प्रिये , मेरे शब्दो का आधार प्र

मैं धूप तो तुम छाओ प्रिये , मेरे शब्दो का आधार प्रिये।
मैं नाव तो तुम माँझी हो , मेरी नौका की पतवार  प्रिये।
मैं रीति तो तुम प्रीति हो , तुम जीवन का श्रंगार प्रिये ।
तुम मृदुल अनहद मेरे कर्णो की , पायल की हो झंकार प्रिये ।
तुम मृगनयनी सी सुंदर हो  , नैनो की हो तुम प्यास प्रिये । 
मेरी पल पल मरती इच्छा सी ,तुम तीव्र गति की स्वांस प्रिये ।
मैं दर दर भटकता राही हूँ ,मेरी तृष्णा का उल्लास प्रिये ।

मैं धूप तो तुम छाओ प्रिये.......... #विचार #प्रेम #आत्मसमर्पण
मैं धूप तो तुम छाओ प्रिये , मेरे शब्दो का आधार प्रिये।
मैं नाव तो तुम माँझी हो , मेरी नौका की पतवार  प्रिये।
मैं रीति तो तुम प्रीति हो , तुम जीवन का श्रंगार प्रिये ।
तुम मृदुल अनहद मेरे कर्णो की , पायल की हो झंकार प्रिये ।
तुम मृगनयनी सी सुंदर हो  , नैनो की हो तुम प्यास प्रिये । 
मेरी पल पल मरती इच्छा सी ,तुम तीव्र गति की स्वांस प्रिये ।
मैं दर दर भटकता राही हूँ ,मेरी तृष्णा का उल्लास प्रिये ।

मैं धूप तो तुम छाओ प्रिये.......... #विचार #प्रेम #आत्मसमर्पण