एक सिरा है हाथ में उसके एक सिरा है जंगल में पांव में रस्सी बांध के मुझ को छोड़ दिया है जंगल में पेड़ पे तुमने इश्क़ लिखा था मेरी बाइक की चाबी से पेड़ तो कब का सूख गया वो इश्क़ हरा है जंगल में बढ़ते बढ़ते बस्ती एक दिन मेरा घर खा जाएगी बस ये सोच के इक दीवाना ख़ौफ़ज़दा है जंगल में मातम करने चिड़ियाँ बैठी काँच जड़ी दीवारों पर इसका ये मतलब है कोई पेड़ कटा है जंगल में सारा जंगल साथ में उसके लैला लैला करता था अब हम किस किस को बतलाएं कौन मिला है जंगल में -✍️संदीप गुप्ता ©sandeep Gupta #किसको #समझाए