पर्दा उठना नहीं पहेली से । बस लाश निकलेगी हवेली से । बात किस्मत की छेड़ रक्खी है । एक हथेली ने एक हथेली से । ए अछूतों वहां ख़ुदा होगा । दूर रहना बड़ी हवेली से । क्यों देख कर मुझे वो हंसती है । पूछना तो जरा सहेली से । by# Khalid Nadeem Shani # Khalid Nadeem Shani # parda uthna Nahi पहेली से #