ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं, ग़म फुरसत में थे ठहर गए, लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है, पहले मुड़ कर देखते थे अब देख कर मुड़ जाते है, सिर्फ__________________________तुम💘 मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं, ग़म फुरसत में थे ठहर गए, लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है, पहले मुड़ कर देखते थे अब देख कर मुड़ जाते है, मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा