गूंजती है चारो ओर चित्कार मानो मणि खोये भुजंग छोड़ती हो फुफ्कार जिसके लिए तू बनता शूल वही तेरे लिए हे फूल पूजी जाएं नारियां यहां पूर्ववत ये दुआ मेरी कर कुबूल रोमित "हिमकर" मौलिक #नारियां