माना अभी अंधेरा है घना, पथ में पड़े है शूल, पर! हे पथिक, तुम हार न जाना, वृक्ष की छाया पाकर, कहीं तुम, बैठ न जाना, शरीर से तुम, सफेद लहू बहाना, सामने गर पर्वत भी आ जाये, नदी बनकर, उसके सीने में राह बनाना, तूफानों से टकरा कर, बाधाओं को जेब में, सिक्कों जैसा रख कर, मंजिल से तुम सौदा करना! हे पथिक, तुम हार न जाना! -मनोरथ #WalkInShadow #poem #motivation #life #hindi