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माना अभी अंधेरा है घना, पथ में पड़े है शूल, पर!

माना अभी अंधेरा है घना, 
पथ में पड़े है शूल, 
पर! 
हे पथिक,
तुम हार न जाना, 
वृक्ष की छाया पाकर, 
कहीं तुम,
बैठ न जाना, 
शरीर से तुम,
सफेद लहू बहाना, 
सामने गर पर्वत भी आ जाये, 
नदी बनकर, 
उसके सीने में राह बनाना,
तूफानों से टकरा कर, 
बाधाओं को जेब में,
सिक्कों जैसा रख कर, 
 मंजिल से तुम सौदा करना! 
हे पथिक, 
तुम हार न जाना! 
-मनोरथ #WalkInShadow #poem #motivation #life #hindi
माना अभी अंधेरा है घना, 
पथ में पड़े है शूल, 
पर! 
हे पथिक,
तुम हार न जाना, 
वृक्ष की छाया पाकर, 
कहीं तुम,
बैठ न जाना, 
शरीर से तुम,
सफेद लहू बहाना, 
सामने गर पर्वत भी आ जाये, 
नदी बनकर, 
उसके सीने में राह बनाना,
तूफानों से टकरा कर, 
बाधाओं को जेब में,
सिक्कों जैसा रख कर, 
 मंजिल से तुम सौदा करना! 
हे पथिक, 
तुम हार न जाना! 
-मनोरथ #WalkInShadow #poem #motivation #life #hindi
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