मैं देखता हूँ तुम्हारे हँसते हुए चेहरे पर छुपाया हुआ सूनापन, मुझे देखकर चंचल हो आई तुम्हारी आँखों में छुपी हुई दर्द की एक नदी, तुम्हारी बेफिक्री में भी दिख जाती है मुझे तुम्हारी संज़ीदगी, मैं देखता हूँ मुझसे मिले दुःखों को भुलाने की तुम्हारी झूठी कोशिशें, और मुझसे मिले दुःखों को सहेजने की तुम्हारी आदतें, मैं देखता हूँ तुम्हारे सूने पाँव, तुम्हारे सूने हाथ, मैं सोचता हूँ कितना मोल चुकाया है तुमने मेरे प्रेम के लिये, मुझे दिखती हैं वो चाँदी की पायलें जो अब तुम्हारे पाँवों में नहीं, वो अंगूठियाँ जो अब तुम्हारी उँगलियों में नहीं, वो बालियाँ जो अब तुम्हारे कानों में नहीं, सारे बदन को सूना कर और अपनी उम्र के हज़ारों खूबसूरत लम्हे मुझे देकर तुमने पाया है तो बस तनाव का एक बेहद लम्बा दौर अपने लिये ज़माने भर की रुसवाइयाँ अपनी बाँहों के लिये मुझे और अपनी आँखों के लिये एक समंदर, मैंने रोने हक़ भी खो दिया है शायद मैं सोचता हूँ कुछ बूँदें मांग लूँ तुम्हारे ही समंदर से...... #सूनापन #yqbaba #yqdidi #yqhindipoetry