1.पता है तकलीफ क्या होती है जब दिल मै कहने को बहुत कुछ हो और जुबान खामोश हो आंखें खुली हों और सामने शून्य हो प्रभात का समय हो और फिर भी लगे कि अंधेरा होता जा रहा है ............. 2.जब हम दिल से बहुत बहुत दुःखी हों और अपने दुःख का एहसास सामने वाले को कराएँ और उसको पहले से बजह पता हो तो फिर हम सोचते है कि इसको बता के हमने अच्छा नई किया अपने दुःख से इसको भी बेकार मै ही दुःखी कर दिया तो.................... इस बात का एहसास हमें पहले वाले दुःख से भी ज्यादा तकलीफ देता है ©~De'b~ Love (कुछ भी तो नहीं)