हमें इश्क़ का फलसफा सीखा रहे हो, ख़ुद रकीब से मिलकर आ रहे हो, कहते थे तुम बिन अकेले चलना मंज़ूर नहीं, तो अब मुंह मोड़ कर क्यों जा रहे हो । शिवा अधूरा #फ़लसफ़ा