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ये इंसान मंदिर मे गलतियो की माफी मे सर ज़रूर झुक

ये इंसान 

मंदिर मे गलतियो की माफी मे सर ज़रूर झुकाता है 
लेकिन बाहर निकल फिर वही गरीबो को रास्तों से हटाता है 

इज़्ज़त बड़ी महंगी लगती है उसे हमेशा ये जताता है 
लेकिन दुसरो को नीचा दिखा उसे बड़ा मजा आता है 

नाते रिश्तेदारी को समाज का नियम बताता है 
लेकिन दौलत की भूख मे अपनो को भी कहा सगा मानता है 

अपनी इक्कछायो को सीमित ही दर्शता है 
लेकिन हो कोई उससे भी सफ़ल तो वो देख नही पाता हैं

सबकी खुशी मे खुश होने का किरदार ज़रूर निभाता है 
लेकिन अंदर से अकेलेपन मे खोखला बन जाता है 

नेकी करना सबको सिखाता है 
लेकिन उसका काम भी पाप ही कहलाता है

ईशा ❤ ये इंसान 
#writer #socialissues #SocialPoetry #poetme #beginnerartist #needsupport 

#Society
ये इंसान 

मंदिर मे गलतियो की माफी मे सर ज़रूर झुकाता है 
लेकिन बाहर निकल फिर वही गरीबो को रास्तों से हटाता है 

इज़्ज़त बड़ी महंगी लगती है उसे हमेशा ये जताता है 
लेकिन दुसरो को नीचा दिखा उसे बड़ा मजा आता है 

नाते रिश्तेदारी को समाज का नियम बताता है 
लेकिन दौलत की भूख मे अपनो को भी कहा सगा मानता है 

अपनी इक्कछायो को सीमित ही दर्शता है 
लेकिन हो कोई उससे भी सफ़ल तो वो देख नही पाता हैं

सबकी खुशी मे खुश होने का किरदार ज़रूर निभाता है 
लेकिन अंदर से अकेलेपन मे खोखला बन जाता है 

नेकी करना सबको सिखाता है 
लेकिन उसका काम भी पाप ही कहलाता है

ईशा ❤ ये इंसान 
#writer #socialissues #SocialPoetry #poetme #beginnerartist #needsupport 

#Society