शहर तो सबका है ये किस-किस की ख़्वाहिशें पूरी करे, बस हमारी इन उम्मीदों ने ही अपनी पसर नहीं छोड़ी। और कुछ दिया हो या न दिया हो शहर ने मुझे, एकाकीपन देने में कहीं कोई कसर नहीं छोड़ी। -सूरज कोठारी'देव' # yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi