यूं ही नहीं मैं तुमसे नाराज़ हुं, न खुली किताब न कोई राज़ हूं, शायद ही तुम्हारे दिल पर दस्तक दे, अब मैं ऐसी ही बेजुबान आवाज हुं। ©Riti sonkar #bezubaan