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तेरे नजदीक आकर सोचती हूं तुझसे कितना दूर हूं मैं क

तेरे नजदीक आकर सोचती हूं
तुझसे कितना दूर हूं मैं
कितने पास आकर, कितने दूर है हम
जिन आंखों में दुनियां देखती थी
अब उन में खालीपन देखती हूं
अक्स आईने में खुद का देखूं
तो तुझे ही को देखती हूं मैं
भीड़ में भी अकेली खुद को महसूस करती हूं मैं
ये कैसा जुनूं इश्क़ का है साहब
अपनी ही तपिश में हर रोज जल रही हुं
@deepali dp #deepalidp #mojzamiracle #rahaterooh #jashnerekhta #hindishayari #burningheart
तेरे नजदीक आकर सोचती हूं
तुझसे कितना दूर हूं मैं
कितने पास आकर, कितने दूर है हम
जिन आंखों में दुनियां देखती थी
अब उन में खालीपन देखती हूं
अक्स आईने में खुद का देखूं
तो तुझे ही को देखती हूं मैं
भीड़ में भी अकेली खुद को महसूस करती हूं मैं
ये कैसा जुनूं इश्क़ का है साहब
अपनी ही तपिश में हर रोज जल रही हुं
@deepali dp #deepalidp #mojzamiracle #rahaterooh #jashnerekhta #hindishayari #burningheart
deepalidp9941

Deepali dp

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