नमस्कार मित्रों अब माएं सहती कहाँ, प्रसव वेदना पीर । अब तो सीधे डॉक्टर , पेट रहे हैं चीर ।। पेट रहे हैं चीर , निकलते संटी- बंटी । थैली वाला दूध, पिलाती उनको अंटी । रखती खुद को चुस्त, न स्तन पान कराएं। संस्कार क्या खाक, सिखायेगीं अब माएं ।।