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नमस्कार मित्रों अब माएं सहती कहाँ, प्रसव वेदना पी

नमस्कार मित्रों

अब माएं सहती कहाँ, प्रसव वेदना पीर ।
अब तो सीधे डॉक्टर , पेट रहे हैं  चीर ।।
पेट रहे हैं चीर , निकलते  संटी- बंटी ।
थैली वाला  दूध, पिलाती उनको अंटी ।
रखती खुद को चुस्त, न स्तन पान कराएं।
संस्कार क्या खाक, सिखायेगीं अब माएं ।।
नमस्कार मित्रों

अब माएं सहती कहाँ, प्रसव वेदना पीर ।
अब तो सीधे डॉक्टर , पेट रहे हैं  चीर ।।
पेट रहे हैं चीर , निकलते  संटी- बंटी ।
थैली वाला  दूध, पिलाती उनको अंटी ।
रखती खुद को चुस्त, न स्तन पान कराएं।
संस्कार क्या खाक, सिखायेगीं अब माएं ।।