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खामोश सा एकांत सा कल्पनालोक मे क्यों बैठा है या फ

खामोश सा एकांत सा कल्पनालोक मे क्यों बैठा है 
या फिर कोई प्रश्न अनुत्तरित तेरे मन मे दौङ  रहा है ?
हो सकता है, क्षणिक शांति की तलाश मे तू बैठा है ,
या फिर कोई घरेलू प्रकरण,गुत्थी बन झकझोर रहा है ।
कुछ भी हो, एकांत शांति मन-बैचेनी को हर लेती है,
इसीलिए हे पथिक! तेरा सिंधु-तट आने पर जोर रहा है ।
पुष्पेन्द्र" पंकज"?

©Pushpendra Pankaj
  #tanha क्षणिक शांति की तलाश

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