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जब भी कुछ अच्छा करने जाता हूँ तो बुरा हो जाता है व

जब भी कुछ अच्छा करने जाता हूँ तो बुरा हो जाता है
वो मेरी गलती है या लोगों को मेरी बात समझ में नहीं आता है
इस कशमकश में रात से सुबह हो जाती है
मैं स्वयं के निन्दा से डरता नहीं कभी
मगर हर बार ऐसा होने से, मेरा
सच्चाई पर से मेरा भरोसा उठ जाता है

©SHYAM GOND
  भरोसा
shyamgond7931

SHYAM GOND

Bronze Star
New Creator

भरोसा #कविता

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