"बादल" यह शामतें रातों की आई है, एक तो नीयत में अंधेरा, एक बादलों की बेवफाई है, जब भरे हों तालाब तब एसे बरसे, किसानों ने कुछ बुंद क्या माँगी, तूने लौट के आने मे लगा दिए अरसे, तुझ पर आखिर कौन उंगली उठाएगा, बादल छट गए अगर तो , क्या खुदा पे इलजाम लगाएगा? clouds #yqbaba #yqdidi #hindi #shayari #hindipoetry #rainyseason #rainyday #rain