कभी रेत कभी झरने कभी दोनों साथ-साथ हैं हमें बुझने से क्या डर हम तो पानी के चराग़ हैं मंडराती है क्यूँ तितली फ़ूलों पर इस क़दर.. है पराग़ों में इत्र फ़ूल का या इत्र में पराग़ है.... #thejourneyoflife #beautyoftime #yqdidi #imagesourcegoogle