फिर मेरी याद आ रही होगी, फिर वो पर्दे गिरा रही होगी..!! फिर से रुख'सार भीगे होंगे, फिर वो आंसू बहा रही होगी..!! उसने तस्वीर मेरी देखी होगी, फिर वो नजरें झुका रही होगी..!! फिर मेरी ज़ुस्तज़ू में आकर वो, खुदको मुंतज़िर बना रही होगी..!! हमने छेड़ा था सुर कभी पहले, अब वो मेरे बाद गा रही होगी..!! डॉ.कुमार विश्वास जी के द्वारा लिखी पंक्तियों को पुनः अपने भावों से भरने की एक छोटी सी कोशिश..!! #udquotes #drkumarvishwas #yqbaba #yqdada #yqdidi #yqhindi #yqbhaijan