न जाने कि आखिर ये कैसा सफ़र है कदम जो बढ़ाऊ तो क्यों लगता दर है अलावा दीवारों के था वो नहीं कुछ जिसे समझा था मै कि वो मेरा घर है मेरे गम पे तो मुस्कुराती है दुनिया हुनर शायरी का भी कैसा हुनर है #nojoto #shayeri #safat #ghar #urdupoetry #hindipoetry