किस्सों से कहानियां बनी खयालों के मोती पिरोए अलग अलग जिंदगानियां मिली अनजान अनदेखे ख़्वाब मिले बुझी हुई लौ के दिए फिर जले नए रास्तों पर अब निकल पड़े हैं कदम किसी ना किसी मोड़ पे शायद मिलोगे तुम हमदम... सोचते-सोचते, हम गुज़र जाएँगे... #सोचतेसोचते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi